Ketki Ka Phool Kaisa Hota Hai | केतकी का फूल कैसा होता है?

Ketki Ka Phool Kaisa Hota Hai – दोस्तों आज के इस लेख के द्वारा हम जनेगें की किस फूल को “केतकी का फूल” कहा जाता है| और यह फूल कहां पाया जाता है इसके अलावा हम जानेंगे की केतकी का फूल इतना अच्छा और सुगंधित होने के बावजूद इसको हम भगवान शिव को नहीं चढ़ा सकते हैं केतकी के फूल की सभी विशेषताएं जानने के लिए हमारे द्वारा लिखे इस लेख को पूरा और ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़े|

Ketki Ka Phool कैसा होता है?

केतकी फूल की पहचान – बात करें केतकी के फूल की तो केतकी का फूल सफेद और हल्के पीले कलर का होता है और यह काफी सुगंधित होता है जैसा कि आप नीचे दिए चित्र देख रहे हैं| श्राप केतकी का फूल अगर हम बात करें इसके पत्तों की तो यह पाँच पत्तियों का फूल होता है और यह काफी नुकीले और मुलायम रहते हैं| Ketki Flower कुछ लोग इस फूल को केवड़ा के फूल के नाम से भी जानते हैं| Ketki Ka Phool Kaisa Hota H केतकी का फूल इतना खूबसूरत और सुगंधित होने के बाबजुद हम इस फूल को भगवान शिव पे नहीं चढ़ा सकते है मान्यता है कि भगवान शिव ने केतकी के फॉल को श्राप दिया हुआ है|

Ketki Ka Phool Kaisa Hota Hai

महादेव पर क्यों नहीं चढ़ता केतकी का फूल?

जैसा कि हम सभी जानते हैं सभी देवी देवताओं पे उनको प्रसन्न करने के लिए उनके लिए जो प्रिय सामग्री है उसी को चढ़ा कर हम उनको प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं अगर हम बात करें भोलेनाथ की तो इनको प्रसन्न करने के लिए काफी तरह की सामग्री चढ़ाई जाती है| जिसमें कुछ जिसमें कुछ खास है भांग, धतूरा, शमी पत्र, कमल गट्टा, बेलपत्र आदि लेकिन भगवान शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाया जाता है क्योंकि मान्यता है कि भगवान शिव ने केतकी के फूल को श्राप दिया हुआ है |

इसकी जानकारी हमने शिवपुराण की कथा से मिलता है जिसमें बताया गया है कि एक बार भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा जी के बीच एक बात को लेकर आपस में झगड़ा शुरू हो गया था दोनों का कहना था कि हम दोनों में से सर्वश्रेष्ठ कौन है इस बात को लेकर दोनों में काफी घमासान चलता रहा इस विवाद को लेकर सभी देवी देवता एकत्र हुए और मिलकर के यह फैसला लिया कि इस विवाद को भोलेनाथ ही सुलझा सकते हैं|

जिसके बाद सभी देवी देवता भगवान शिव शंकर के पास गए और उन्होंने यह सभी घटना उनके सामने प्रकट की जिसको सुनने के बाद भोलेनाथ में सभी देवी देवताओं को एक उपाय बताएं यह उपाय यह है कि भगवान शिव द्वारा एक बहुत ही विशालकाय शिवलिंग का निर्माण किया गया और भगवान विष्णु तथा भगवान ब्रह्मा जी को कहा गया कि आप दोनों में से एक इस शिवलिंग का आरंभ खोजें और दूसरा इस शिवलिंग का अंत खोजना है जो व्यक्ति सबसे पहले अपना कार्य करेगा वहीं सर्वश्रेष्ठ कहलाया जाएगा|

यह सुनने के बाद भगवान विष्णु शिवलिंग का अंत खोजने के लिए सबसे ऊपर की ओर गए वहीं पर भगवान ब्रह्मा इस शिवलिंग का आरंभ खोजने की ओर निकल पड़े | काफी दिनों तक ढूंढने के बाद भगवान विष्णु लौट आए जब उन्हें इस लिंक का कोई छोड़ नहीं मिला तो वहीं पर भगवान ब्रह्मा जी आने के बाद बोलने लगे कि उन्होंने शिवलिंग के छोर को ढूंढ लिया है|

और इस बात का साक्षी उन्होंने केतिका के फूल को बताया लेकिन भगवान शिव को पता था कि इस शिवलिंग का कोई अंत नहीं है जिसके बाद भगवान शिव वहाँ प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्मा जी का सर काट दिया और केतिका के फूल को यह श्राप दिया कि भगवान शिव की पूजा में कभी भी केतकी के फूल का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा| इस कारण वश केतिका के फूल को श्रापित माना जाता है|

 

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केतकी के फूल का पेड़ कैसा होता है?

Ketki Ka Ped केतकी का फूल और पौधा केतकी का फूल सावन के महीने में खिलता है यानी कि बरसात का मौसम में आप केतकी के फूल को देखेंगे| इस फूल को आप काफी दूर से पहचान सकते हैं क्युकी इसमें सुगंध इतना ज्यादा होता है कि दूर से ही आपको पता लग जाएगा कि यह Ketki Ka Phool है| केतकी के फूल के पेड़ को जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र को ध्यान से देखें चित्र में देखने के बाद आपको पता चलेगा कि यह पेड़ लगभग खजूर के पेड़ के जैसा दिखाई पड़ता है|

इस पेड़ की लंबाई लगभग 12 से 14 फीट तक हो सकती है बात करें उसके पत्तों की तो यह काफी चमकदार और कांटेदार रहता है तथा 20 से लेकर 40 सेंटीमीटर तक इसकी लंबाई होती है जिसका रंग हल्का नीला और हल्का हरा होता है जैसा की आप सभी ने नारियल के पेड़ के पत्ते को देखा होगा लगभग उसी की तरह केतकी के पेड़ का पत्ता भी दिखाई देता है|

Ketki Ka Ped

केतकी के फूल को अंग्रेजी में क्या बोलते हैं|

Ketki Flower In English केतकी के फूल को अंग्रेजी में बोला जाता है “फ्रैग्रेन्ट स्क्रूपाइन” जिसको हम इंग्लिश में ऐसे लिखते हैं (Fragrant Crew-Pine) इसके अलावा केतकी के पेड़ को अंग्रेजी भाषा में Screw Tree के नाम से जाना जाता है और Scientific Name – Pandanus Odorifer (पैंडनस ओडोरिफर) कहा जाता है|

 

केतकी का फूल कहां पाया जाता है?

केतकी का फूल हम दक्षिण भारत और बर्मा के क्षेत्रों में देख सकते हैं इसके अलावा इसको साउथ एशिया फिलीपींस आदि स्थानों पर भी देखा जा सकता है | आबादी बढ़ने के कारण पेड़ों का जो नस्टिकरण किया गया है उस कारणवश काफी केतकी के पेड़ नष्ट हो चुके हैं |

 

भगवान शिव को सिंदूर क्यों नहीं चढ़ाया जाता है?

सभी देवी देवताओं को सिंदूर पसंद है लेकिन भगवान शिव को सिंदूर इसलिए पसंद नहीं है क्योंकि हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सिंदूर लगाती हैं और भगवान सेव इस धरती के संहारक है| इस कारणवश फ्रांसिस्को सिंबू नहीं लगाया जाता इसके अलावा आप भगवान से चंदन लगा सकते हैं|

 

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FAQs Ketki Ka Phool Kaisa Hota Hai

 

भोलेनाथ को कौन सा फूल नहीं चढ़ाना चाहिए?

Ketki Ke Phool मान्यता है कि भगवान शिव को कभी भी लाल रंग के फूल केवड़े का फूल और केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए इन फूलों को चढ़ाने से आपको पूजा का फल पूर्णतया नहीं मिलता है ध्यान रखने योग्य बात यह है कि भगवान शिव को केवल सफेद रंग का फूल चढ़ाना चाहिए|

 

केतकी का फूल कौन से भगवान को चढ़ाया जाता है?

आप सभी को बता दें कि भगवान शिव द्वारा केतकी के फूल को श्रापित किया गया है जिसके कारण भगवान शिव को केतकी क फूल नहीं चढ़ा सकते लेकी इसके अलावा सभी भगवान को केतकी का फूल चढ़ा सकते है| Kevda Ka Phool

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